Type Here to Get Search Results !

मल्टी-स्टेट साइबर–हवाला गिरोह ध्वस्त, NDPS केस का वांछित आरोपी भी गिरफ्त में

मल्टी-स्टेट साइबर–हवाला गिरोह ध्वस्त, NDPS केस का वांछित आरोपी भी गिरफ्त में 

नई दिल्ली | (एस के आर न्यूज ) रिपोर्ट (क्राइम )

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल, क्राइम ब्रांच ने एक बेहद संगठित और अंतरराज्यीय साइबर–फ्रॉड व हवाला नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए देशभर में फैले ठगी के जाल को तोड़ दिया है। यह कार्रवाई E-FIR No. 00031/2025 (60000406/2025) के तहत की गई, जिसमें 61 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक से ₹33,10,000 की ऑनलाइन निवेश ठगी की गई थी।
--- कैसे हुआ बड़े साइबर खेल का खुलासा

तकनीकी और वित्तीय जांच के दौरान सामने आया कि ठगी की रकम को सुनियोजित तरीके से फर्जी कंपनियों (Shell Companies) के जरिए कई बैंक खातों में घुमाया गया। जांच में एक काल्पनिक कंपनी “BELCREST INDIA PVT. LTD.” की भूमिका सामने आई, जिसके जरिए लाखों रुपये का लेन-देन किया गया।

बैंक ट्रेल एनालिसिस से यह भी सामने आया कि ₹10,68,000 सीधे संदिग्ध खातों में ट्रांसफर किए गए, जिन्हें बाद में अलग-अलग रास्तों से निकाल लिया गया।

--- पहले दो आरोपी गिरफ्तार, फिर खुला असली मास्टरमाइंड

प्रारंभिक जांच में दिल्ली से दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। सख्त पूछताछ के दौरान उन्होंने दीपांशु नामक शख्स को इस साइबर-हवाला सिंडिकेट का मुख्य ऑपरेटर और फेसीलिटेटर बताया।

---ऑपरेशन-I : लखनऊ में आधी रात दबोचा गया दीपांशु

इसके बाद Insp. अशोक, SI भाग्यश्री, HC प्रवीण, HC रजत और HC हितेन की विशेष टीम ने तकनीकी सर्विलांस और ग्राउंड इंटेलिजेंस के आधार पर दीपांशु की तलाश शुरू की।

दीपांशु खुद को बचाने के लिए लखनऊ (मोहानलालगंज) में छिपा हुआ था, लेकिन रातभर चले पीछा अभियान के बाद उसे आधी रात गिरफ्तार कर लिया गया।

बरामदगी में शामिल:
2 मोबाइल फोन
3 चेकबुक
 2 डेबिट कार्ड

---फर्जी डायरेक्टर, शेल कंपनियां और क्रिप्टो का खेल

पूछताछ में दीपांशु ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि वह अपने हैंडलर्स के निर्देश पर

डमी डायरेक्टरों की व्यवस्था,
फर्जी कंपनियों का निर्माण,
बैंक अधिकारियों से मिलीभगत कर खाते खुलवाने
का काम करता था।

ठगी की रकम को पहले CSP24SEVEN Technologies और Levin Fintech जैसी शेल कंपनियों के जरिए घुमाया गया, फिर हवाला नेटवर्क और क्रिप्टोकरेंसी रूट से बाहर भेज दिया गया।
--- सबूत मिटाने की कोशिश, फिर भी फंसा आरोपी

दीपांशु ने यह भी कबूल किया कि सह-आरोपी लक्ष्य की गिरफ्तारी की खबर मिलने के बाद उसने BELCREST INDIA PVT. LTD. से जुड़े चेकबुक और सिम कार्ड नष्ट कर दिए ताकि सबूत मिटाए जा सकें।
हालांकि उसका मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया है, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

---ऑपरेशन-II : साइबर केस के दौरान NDPS आरोपी भी गिरफ्तार

इसी ऑपरेशन के दौरान साइबर सेल को एक और बड़ी कामयाबी मिली। लखनऊ में सर्विलांस के दौरान टीम को इनपुट मिला कि
NDPS एक्ट के तहत वांछित आरोपी ऋषभ सिंह (FIR No. 140/2025, U/s 21/29 NDPS Act, PS Special Cell, Delhi)
भी उसी इलाके में छिपा हुआ है।

लगातार 24 घंटे तक चली निगरानी और छापेमारी के बाद टीम ने
 दीपांशु और NDPS आरोपी ऋषभ सिंह – दोनों को एक साथ गिरफ्तार कर लिया।
--- फरारी में मददगार निकला NDPS आरोपी

मौके पर पूछताछ में खुलासा हुआ कि ऋषभ सिंह ने ही दीपांशु के लिए लखनऊ में रहने की व्यवस्था की थी, ताकि वह पुलिस से बच सके। यह साफ तौर पर कानून से भागने में मदद और साजिश का मामला बनता है।

---आगे की जांच जारी
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल अब
मास्टरमाइंड,वित्तीय लाभार्थी,हवाला ऑपरेटर,क्रिप्टो वॉलेट्स,
और संभावित अंतरराष्ट्रीय लिंक की गहन जांच में जुटी हुई है।
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad