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दिल्ली के अस्पताल में लापरवाही का गंभीर मामला, गर्भवती महिला और अजन्मे बच्चे की मौत,4 दिन बीतजाने पर भी नहीं हुआ पोस्टमार्टम- की पीड़ित लगा रहा गुहार

दिल्ली के अस्पताल में लापरवाही का गंभीर मामला, गर्भवती महिला और अजन्मे बच्चे की मौत,4 दिन बीतजाने पर भी नहीं हुआ पोस्टमार्टम- की पीड़ित लगा रहा गुहार

एस.के.आर न्यूज़ स्पेशल रिपोर्ट दिनांक: 9 जून 2025
नई दिल्ली, बाहरी जिला।
दिल्ली के बाहरी जिला स्थित एक निजी अस्पताल में लापरवाही के कारण गर्भवती महिला और उसके अजन्मे बच्चे की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मृतका के पति मनोज चंद ने डीसीपी बाहरी जिले को एक लिखित शिकायत देकर डॉक्टरों की लापरवाही, असंवेदनशीलता और अस्पताल प्रशासन की गैरजिम्मेदाराना रवैये की विस्तार से जानकारी दी है।
शिकायत पत्र के अनुसार, मनोज चंद की पत्नी का इलाज बाहरी जिले के एक अस्पताल में चल रहा था।
5 जून 2025 को किया था भारती पुष्पांजलि अस्पताल में किया था भारती
दिनांक 6 जून 2025 को जब गर्भवती महिला की हालत बिगड़ने लगी तो अस्पताल के डॉक्टरों ने लापरवाही दिखाते हुए कोई उचित चिकित्सा सहायता नहीं दी ओर ऑपरेशन से पहले कौनसा इंजेक्शन लगाया जिससे उनकी मौत हो गई। 
पीड़ित का आरोप है कि बार-बार गुहार लगाने के बावजूद स्टाफ द्वारा न तो तुरंत इलाज शुरू किया गया और न ही समय रहते किसी विशेषज्ञ को बुलाया गया जबकि ऑपरेशन थियेटर में लेजाने से पहले मैने अपनी पत्नी नेहा जैसवाल से बात की और डिलेवरी नॉर्मल करने पर विचार भी किया था। पर डॉक्टरों ने कहा हम बच्चे को जनम ऑपरेशन द्वारा ही करेंगे । हमे समझाया इस तरह दोनों की जान को कोई जोखम नहीं होगा हम पति पत्नी डॉक्टरों के इस फैसले पर तैयार हो गए ओर पत्नी को ऑपरेशन के लिए ले गए।


ऑपरेशन थियेटर में किया हुआ ये एक रहस्य बन गया है ऑपरेशन शुरू भी नहीं हुआ कुछ देर बाद मुझे बुलाया और मुझे दिखाया वो बेहोश थी और उस दौरान साथ आठ लोग मेरी पत्नी के पास थे उन्होंने कहा हालात इतने बिगड़ गए कि प्रसव से पहले ही महिला और उसके अजन्मे बच्चे दोनों की मौत हो गई। 

मुझे हैरानी हुई अभी मैने बात की और कुछ देर में मौत मैने पुलिस के 112 पर कोल कर सारी घटना बताई जिसके बाद आईओ जितेंद्र पश्चिम विहार थाने से आय ओर मेरा बयान लेकर शव को कब्जे में लिया ओर संजय गांधी अस्पताउल मोर्चरी में रखवा दिया गया और हमे पोस्टमार्टम के बाद शव सौंपने की कहकर भेज दिया।
इस दुखद घटना के बाद आज चौथा दिन है अभी तक अस्पताल प्रशासन ने पोस्टमार्टम नहीं कराया और न ही परिवार को कोई स्पष्ट जानकारी दी गई है।

आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन मौत को छिपाने की कोशिश कर रहा है और पुलिस भी टाल मटोल कर रही है।

पीड़ित पति मनोज चंद ने दुखी होकर आज डीसीपी को आज 9/6/2025 को लिखत शिकायल दी है अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि यह घटना दिनांक 6/जून2025 करीब दोपहर 2 बजे की है, जब वे पत्नी की बिगड़ती हालत को लेकर लगातार डॉक्टरों को बुलाते रहे लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया। अस्पताल प्रशासन ने उन्हें यह तक नहीं बताया कि उनकी पत्नी की मौत कब हुई ।
अभी तक पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया।
श्री मनोज चंद ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि पोस्टमार्टम कराया जाए ताकि मौत के असली कारणों का खुलासा हो सके।
जनहित में सवाल खड़े होते हैं:

क्या यह केवल लापरवाही है या एक संगठित गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार?

अस्पतालों में मरीजों की जान इतनी सस्ती क्यों होती जा रही है?

क्या इस मामले में लिप्त डॉक्टरों के मेडिकल लाइसेंस की जांच होगी?

एसकेआर न्यूज आपसे वादा करता है कि वह इस मामले को अंतिम न्याय मिलने तक उजागर करता रहेगा।
रिपोर्ट: एसकेआर न्यूज ब्यूरो
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