रोहिणी जोन,हरि इंक्लेव वार्ड 37: राजधानी में एक और ‘गाजीपुर’?
कूड़े के ढेरों से पटी गलियाँ, लोगों को राहत की आस
रिपोर्ट: ब्यूरो चीफ़ राशिद चौधरी, एसकेआर न्यूज़
नई दिल्ली (किराड़ी विधानसभा) – देश की राजधानी दिल्ली जहां एक ओर "स्वच्छ भारत मिशन" की मिसाल बननी चाहिए, वहीं दूसरी ओर किराड़ी विधानसभा के हरि इंक्लेव पार्ट-1 का हाल देख कोई भी हैरान हो सकता है। यहां गली-गली में कूड़े का अंबार दिखाई देता है, जैसे ‘गाजीपुर लैंडफिल’ को किसी ने इस बस्ती में लाकर पटक दिया हो।
कूड़े से पट गई गलियाँ, नालियों में बहाव ठप
हरि इंक्लेव वार्ड 37 की स्थिति ऐसी है कि गलियों में कूड़े के ढेर लगे हैं, नालियां महीनों से जाम हैं, और बरसात के समय पानी घरों में घुस जाता है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि सफाईकर्मी तभी आते हैं जब शिकायत दर्ज करवाई जाती है, वो भी कभी-कभार। नालियां अटी पड़ी हैं और दुर्गंध से वातावरण विषाक्त हो गया है।
स्थानीय लोगों का आरोप – "हम खुद नालियां साफ करते हैं"
छेत्रवासियों का कहना है कि सरकारी व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। “जब कोई अधिकारी दौरे पर आता है, तभी थोड़ी बहुत सफाई होती है, वरना सब भगवान भरोसे है,” एक स्थानीय निवासी ने बताया। कुछ परिवार तो खुद झाड़ू और फावड़ा लेकर नालियों की सफाई करते हैं, ताकि अपने घरों को जलभराव से बचा सकें।
निगम का रुख – आदेश जारी, अब इंतज़ार अमल का
इस गंभीर स्थिति पर जब एसकेआर न्यूज़ के संवाददाता ने रोहिणी जोन के उपायुक्त श्री प्रेम कुमार मंडल से बात की, तो उन्होंने स्थिति पर गहरा दुःख ज़ाहिर किया और तत्काल प्रभाव से क्षेत्र में जांच एवं सफाई कार्य शुरू करने के आदेश पारित किए। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों से इस लापरवाही पर जवाब तलब करने की बात भी कही।
उपायुक्त ने यह भी कहा, "स्वच्छता के मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता को स्वच्छ वातावरण देना हमारी प्राथमिकता है।"
सफाईकर्मी बोले – “हमें आदेश ऊपर से आता है”
स्थानीय सफाईकर्मियों का कहना है कि उन्हें बिना पार्षद या इंस्पेक्टर के आदेश के काम पर नहीं भेजा जाता। यह बयान भी प्रशासनिक तंत्र की कमजोर कड़ी को उजागर करता है। क्या सफाई जैसी बुनियादी सेवा भी अब राजनीतिक और प्रशासनिक आदेशों की मोहताज बन चुकी है?
अब निगाहें निगम पर – आदेश धरातल पर कब दिखेंगे?
फिलहाल निगम उपायुक्त के आदेशों के बाद लोगों को थोड़ी उम्मीद जगी है। लेकिन यह देखना बाकी है कि निचले स्तर पर यह आदेश कब तक जमीन पर उतरते हैं और हरि इंक्लेव को कब इस गंदगी के दलदल से राहत मिलती है।
क्या नगर निगम की यह नींद अब जागेगी?
या हरि इंक्लेव यूँ ही 'गाजीपुर पार्ट-2' बना रहेगा?
एसकेआर न्यूज़ इस मुद्दे पर लगातार नज़र बनाए रखेगा।
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तस्वीरें: इलाके में लगे कूड़े के ढेर, जाम नालियां, पानी भरे रास्ते – क्षेत्र की हकीकत बयां करते हैं।
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