राजधानी दिल्ली में अतिक्रमण का बोलबाला: कश्मीरी गेट-मोरी गेट इलाका बना जनता के लिए संकट ज़ोन!
ब्यूरो: (एस के आर)
राजधानी दिल्ली में अतिक्रमण का बोलबाला: कश्मीरी गेट-मोरी गेट इलाका बना जनता के लिए संकट ज़ोन!
दिल्ली की धड़कन माने जाने वाले कश्मीरी गेट और मोरी गेट बस टर्मिनल आज लापरवाही और अव्यवस्था की खुली मिसाल बन चुके हैं।
विभागीय अधिकारियों की ढिलाई और मिलीभगत ने यहां की सड़कों, बस टर्मिनलों और फुटपाथों को अतिक्रमण का गढ़ बना दिया है।
मोरी गेट बस टर्मिनल, जहां कभी दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) की बसों की अनुशासित आवाजाही हुआ करती थी, अब प्राइवेट बस ऑपरेटरों का अड्डा बन चुका है। यहां से रोज़ाना सैकड़ों प्राइवेट बसें अवैध रूप से सवारियां भरती और माल ढोती दिखाई देती हैं।
फुटपाथों पर कब्ज़ा, सड़कों पर बेतरतीब खड़ी बसें, और बेतरतीब दुकानों व ढाबों की कतारें — इन सबने आम जनता के लिए चलना-फिरना तक मुश्किल कर दिया है। यात्रियों को बस में चढ़ने-उतरने के लिए जगह नहीं मिलती, वहीं बस स्टाफ को अपने ही टर्मिनल में खड़ा होना तक दुश्वार हो गया है।
कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिस, लोकल पुलिस और नगर निगम सभी मूकदर्शक बने हुए हैं। सवाल यह उठता है कि —
“क्या राजधानी के दिल में कानून सिर्फ आम जनता के लिए है, या फिर अधिकारियों की आंखों पर असरदारों की चकाचौंध ने पर्दा डाल दिया है?”
अब वक्त आ गया है कि प्रशासन जागे और जनता की आवाज़ सुने, वरना कश्मीरी गेट जैसा अहम ट्रांज़िट ज़ोन जल्द ही अराजकता का प्रतीक बन जाएगा।