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हाईवे पर हुआ सनसनीखेज़ क़िस्सा – 6000 किलो कॉपर स्क्रैप की लूट, ड्राइवर को इंजेक्शन देकर किया बेहोश, क्राइम ब्रांच ने 48 घंटे में सुलझाया मामला

हाईवे पर हुआ सनसनीखेज़ क़िस्सा – 6000 किलो कॉपर स्क्रैप की लूट, ड्राइवर को इंजेक्शन देकर किया बेहोश, क्राइम ब्रांच ने 48 घंटे में सुलझाया मामला

सियासत का राज़ न्यूज – स्पेशल रिपोर्ट
 दिल्ली, 13 सितंबर 2025
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच, नॉर्दर्न रेंज-I ने एक बड़े और हाई-प्रोफाइल केस का खुलासा करते हुए सनसनी फैला दी है। यह मामला एक हाईवे डकैती का है, जिसमें ड्राइवर को ज़हर का इंजेक्शन देकर 6000 किलो कॉपर स्क्रैप (कीमत लगभग ₹55 लाख) लूट लिया गया था। लेकिन पुलिस की चुस्त-दुरुस्त जांच और तेज़ी से की गई कार्रवाई ने 48 घंटे के भीतर इस बड़े षड्यंत्र का भंडाफोड़ कर दिया।

--- घटना का पूरा विवरण

दिनांक 9 सितंबर 2025 को मनोज नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई कि वह ताता-709 ट्रक (DL 1 LAG 3128) से लिसाड़पुर, दिल्ली से मडोली की ओर लगभग 6000 किलो कॉपर स्क्रैप (80 बैगों में पैक) लेकर जा रहा था।
सुबह करीब 11 बजे, जब वह रिंग रोड के पास सराय काले खां फ्लाईओवर से गुज़र रहा था, तभी एक सफेद कार ने उसका ट्रक रोका। उसमें बैठे लोगों ने ख़ुद को बैंक अधिकारी बताया और वाहन की फाइनेंसिंग से जुड़े झूठे बहाने बनाकर ड्राइवर को नीचे उतारा।

इसी दौरान दो लोग ट्रक में चढ़ गए और उनमें से एक ने ड्राइवर के हाथ में इंजेक्शन लगाकर उसे बेहोश कर दिया। होश आने पर जब वह जग प्रवेश अस्पताल में था, तब तक पूरा कॉपर स्क्रैप गायब हो चुका था।

--- जांच और ऑपरेशन

क्राइम ब्रांच की टीम ने शिकायत दर्ज होते ही एक विशेष ऑपरेशन शुरू किया।

200 से अधिक CCTV फुटेज खंगाले गए।

मोबाइल फोन कॉल डिटेल्स को बारीकी से खंगाला गया।

गुप्त सूचना पर संदिग्धों को उठाकर सघन पूछताछ की गई।

जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि ख़ुद ड्राइवर मनोज ही इस पूरी साज़िश का मास्टरमाइंड था। पूछताछ में उसकी बातों में बार-बार विरोधाभास मिला और अंततः उसने षड्यंत्र की पूरी कहानी कबूल कर ली।

--- पुलिस की गिरफ्त में चारों आरोपी
1. मनीष कुमार (ड्राइवर) – जिसने शुरू में खुद को पीड़ित बताया लेकिन असल में वही मुख्य साज़िशकर्ता निकला। शराब और नशे का आदी, कई मामलों में पहले भी पकड़ा जा चुका है।

2. आदित्य (सह-साज़िशकर्ता) – मनोज का दोस्त, बेरोज़गार और शराब का आदी।

3. अरुण सोनी (जंक डीलर) – इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड। नकली डॉक्टर और खरीदार का इंतज़ाम उसी ने किया।

4. रामज़ान – इंजेक्शन लगाने का काम इसी ने किया। गोंडा (यूपी) का रहने वाला और स्मैक-गांजे का लती।

--- बरामदगी

✔️ 6000 किलो कॉपर स्क्रैप, जिसकी कीमत लगभग ₹55 लाख।
✔️ ट्रक (DL 1 LAG 3128) जो वारदात में इस्तेमाल हुआ।
✔️ इंजेक्शन और सिरिंज, जिससे ड्राइवर को बेहोश किया गया।

--- पुलिस की भूमिका

इस ऑपरेशन की अगुवाई इंस्पेक्टर पु्खराज सिंह ने की, जबकि पूरी टीम में HC विक्रांत, HC परवीन, W/SI खुशबू, ASI पवन, ASI प्रदीप समेत कई अधिकारियों ने मिलकर इस जटिल केस को हल किया। पूरे ऑपरेशन की निगरानी ACP अशोक शर्मा और DCP हर्ष इंद्रा (IPS) ने की।

---नतीजा

क्राइम ब्रांच की तेज़ कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि चाहे अपराध कितना भी संगठित और योजनाबद्ध क्यों न हो, क़ानून के शिकंजे से बचना नामुमकिन है।

इस केस ने न सिर्फ 55 लाख रुपये की माल बरामदगी सुनिश्चित की बल्कि यह भी उजागर कर दिया कि अपराधी किस तरह नकली पहचान और जहरीले तरीकों का इस्तेमाल करके बड़े अपराध को अंजाम देते हैं।

चारों आरोपियों की गिरफ्तारी ने हाईवे पर होने वाली डकैतियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की ताकत और तत्परता को और मज़बूत किया है।

--- सियासत का राज़ न्यूज की विशेष रिपोर्ट
 "जब साज़िश करने वाले ही बन जाएं शिकार – तब भी सच्चाई से बचना नामुमकिन है।"

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