एक्सक्लूसिव सनसनीखेज खुलासा: दिल्ली में डॉ. अनुज चन्द्रा चला रहे थे फर्जी डिग्री पर अल्ट्रासाउंड सेंटर – नियमों की सरेआम उड़ाई जा रही थी धज्जियां!
नई दिल्ली, सुल्तानपुरी | देशभर में जहाँ एक ओर सरकार "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" जैसी मुहिमों के जरिए बालिकाओं को जीवन देने और उनका भविष्य सुरक्षित करने में लगी है, वहीं राजधानी दिल्ली के सुल्तानपुरी में एक ऐसा शर्मनाक मामला उजागर हुआ है जिसने मानवता को झकझोर कर रख दिया है।
यह मामला है डॉ. अनुज चन्द्रा और उनके संचालित "उमेश हॉस्पिटल" का, जो शनि बाजार रोड, ई-7/2-3, सुल्तानपुरी, नई दिल्ली में स्थित है। पंजीकरण संख्या – DHS/N11/1266 पर दर्ज इस हॉस्पिटल की सच्चाई बेहद चौंकाने वाली है।
फर्जी डिग्री और गैरकानूनी अल्ट्रासाउंड सेंटर का भंडाफोड़
डॉ. अनुज चन्द्रा खुद को MBBS व DFM बताकर गर्भवती महिलाओं का इलाज और अल्ट्रासाउंड कर रहे हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, "DFM" नाम की कोई मान्य डिग्री नहीं होती। अल्ट्रासाउंड करने के लिए PNDT (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act) के तहत छह माह की विशेष ट्रेनिंग और DM पंजीकरण आवश्यक है, जिसकी डॉक्टर अनुज के पास कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
शिकायत करता ए,के सोनी का दावा
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि डॉ. अनुज स्वयं गर्भवती महिलाओं की जांच कर रिपोर्ट बनाते है। शिकायतकर्ता के अनुसार, अल्ट्रासाउंड जैसी रिपोर्टों पर हस्ताक्षर मोहर होती है। वो भी बिना किसी कानूनी दस्तावेज या मेडिकल अनुशासन के।
शिकायत और 8 महीने से चल रही जांच - लेकिन कार्रवाई शून्य!
इस पूरे मामले का पर्दाफाश समाजसेवी ए.के. सोनी ने किया, जो लंबे समय से राजधानी में ऐसे फर्जी चिकित्सकों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि:
> "ऐसे डॉक्टर समाज के दुश्मन हैं। यह सिर्फ कानून नहीं तोड़ रहे, यह इंसानियत की हत्या कर रहे हैं। इन्हें जेल भेजा जाना चाहिए।"
ए.के. सोनी ने इस मामले में पीएनडीटी रजिस्ट्रार डॉ. सत्यजीत कुमार से भी संपर्क किया, जिन्होंने स्पष्ट किया कि बिना छह महीने की प्रमाणित ट्रेनिंग के कोई भी डॉक्टर गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड नहीं कर सकता। 2012 से यह प्रावधान अनिवार्य कर दिया गया है, मगर डॉ. अनुज इन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं।
हॉस्पिटल की वास्तविकता – सिर्फ 5 बेड की अनुमति, लेकिन अवैध तरीके से हो रहा था बड़ा जांचे!
"उमेश हॉस्पिटल" को स्वास्थ्य विभाग से सिर्फ 5 बेड की अनुमति मिली हुई है, लेकिन मौके पर न तो कोई मान्यता प्राप्त तकनीकी स्टाफ है, न ही किसी प्रकार की निगरानी व्यवस्था।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में
इस मामले की शिकायत को 8 महीने से अधिक समय हो चुका है लेकिन कोई ठोस कानूनी कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। इससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर किसके संरक्षण में यह सेंटर इतने लंबे समय से बिना नियम अनुसार चल रहा है?
माँग – हॉस्पिटल सील करो, दोषियों को जेल भेजो!
शिकायतकर्ता ए.के. सोनी ने सीधा मांग की है कि:
इस फर्जी हॉस्पिटल को तुरंत सील किया जाए।
डॉ. अनुज चन्द्रा के खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
पूरे मामले की CBI या SIT जांच करवाई जाए ताकि अन्य ऐसे सेंटरों का भी भंडाफोड़ हो।
जनता से अपील
यदि आपके आस-पास कोई भी ऐसा अस्पताल, अल्ट्रासाउंड सेंटर या डॉक्टर है जो बिना लाइसेंस के गर्भवती महिलाओं का इलाज कर रहा है तो उसकी जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग या स्थानीय प्रशासन को दें। यह सिर्फ एक अपराध नहीं, संविधान और मानवता के खिलाफ खिलवाड़ गुनाह है।
--- इस रिपोर्ट को शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक हों और ऐसे गैर कानूनी में लीपतों पर कार्रवाई हो सके। आपकी आवाज़ कई निर्दोषों की जान बचा सकती है।
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जांच के बाद ही होगा सच्चाई का खुलासा सबसे बड़ी बात कौन करेगा जांच ये आने वाला वक़्त बताएगा। जांच के नाम पर बे बस