सुल्तानपुरी में बोरवेल सीलिंग की कार्रवाई: selective कार्रवाई या एनजीटी निर्देशों का पालन?
नई दिल्ली, सुल्तानपुरी:
बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी क्षेत्र में आज रोहिणी सब-डिवीजन प्रशासन की ओर से अवैध बोरवेल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई। एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के मानदंडों का उल्लंघन करने पर बी-4/492 और बी-2/288, सुल्तानपुरी के बोरवेलों को सील कर दिया गया। यह कार्रवाई क्षेत्र में जलस्रोतों के अनियमित दोहन और पर्यावरणीय असंतुलन को रोकने के तहत की गई बताई जा रही है।
हालांकि इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों में रोष भी देखने को मिला। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यह कार्रवाई "चिह्नित और एकतरफा" लग रही है। स्थानीय निवासी आरोप लगा रहे हैं कि क्षेत्रीय नेताओं के इशारे पर चुनिंदा बोरवेलों को ही निशाना बनाया गया, जबकि सुल्तानपुरी के सी-ब्लॉक मछली मार्केट सहित कई स्थानों पर दर्जनों अवैध बोरवेल आज भी चालू हैं।
"बदले की कार्रवाई"?
स्थानीय दुकानदार और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रशासन यदि वास्तव में एनजीटी के दिशा-निर्देशों को लेकर गंभीर है, तो पूरे सुल्तानपुरी में एक समान कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? सी-ब्लॉक की मछली मंडी, जो वर्षों से दर्जनों अवैध बोरवेल का केंद्र बनी हुई है, वहां अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
कानून सबके लिए समान क्यों नहीं?
एनजीटी द्वारा भूजल संरक्षण को लेकर सख्त निर्देश हैं कि बिना लाइसेंस या अनुमति के बोरवेल चलाना गैरकानूनी है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जब पूरे क्षेत्र में अवैध बोरवेल खुलेआम चल रहे हैं, तो कार्रवाई केवल दो-तीन स्थानों पर ही क्यों?
जनता का सवाल प्रशासन से:
क्या यह कार्रवाई निष्पक्ष है?
क्या पूरी सुल्तानपुरी में अवैध बोरवेलों की सूची बनाई गई है?
क्या सी-ब्लॉक मछली मार्केट में शिकायतों के बावजूद प्रशासन आंख मूंदे बैठा है?
क्षेत्रीय निवासियों की मांग:
सभी अवैध बोरवेलों पर निष्पक्ष और एकसमान कार्रवाई हो।
प्रशासन को चाहिए कि वह पूरे क्षेत्र में अभियान चलाकर हर अवैध बोरवेल को चिन्हित करे और उस पर सख्त कार्रवाई करे, ताकि आम जनता का कानून पर भरोसा बना रहे और पर्यावरण संतुलन की रक्षा हो सके।