दिल्ली में बड़ा प्रशासनिक फ़ैसला: अब 'स्विमिंग पूल' से 'गेस्ट हाउस' तक के व्यापारों के लिए पुलिस लाइसेंस की बाध्यता समाप्त!
अब MCD करेगी स्विमिंग पूल, रेस्टोरेंट, होटल/गेस्ट हाउस, डिस्को, वीडियो गेम पॉर्लर, एमयूजमेंट पार्क और ऑडिटोरियम को लाइसेंस जारी।
विशेष खबर — SKR NEWS
राजनिवास, दिल्ली | 19 जून 2025
"सत्य की हमेशा जीत होती है" — इस आदर्श वाक्य के साथ दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली पुलिस द्वारा जारी किए जाने वाले सात प्रमुख व्यापार लाइसेंसों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है। यह फैसला दिल्ली पुलिस पर से अनावश्यक प्रशासनिक बोझ हटाने और व्यवसायों के लिए 'Ease of Doing Business' को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
कौन-कौन से व्यापार अब पुलिस लाइसेंस से मुक्त?
1. स्विमिंग पूल
2. खाने के घर (Restaurants)
3. होटल/मोटल/गेस्ट हाउस
4. डिस्कोथेक
5. वीडियो गेम पार्लर
6. मनोरंजनकारी उद्यान (Amusement Parks)
7. सभागार (Auditoriums)
क्यों लिया गया यह फैसला?
उपहार कांड के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने 2003 में सिफारिश की थी कि पुलिस को केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित रखा जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस सिफारिश को सही ठहराते हुए लाइसेंसिंग को पुलिस से हटाने का समर्थन किया।
दिल्ली पुलिस पर बढ़ते काम के दबाव और स्टाफ की कमी को देखते हुए यह निर्णय आवश्यक माना गया।
केंद्र सरकार के 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' सिद्धांत को लागू करने के तहत यह बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है।
समिति की सिफारिशें बनीं आधार
दिल्ली सरकार के गृह विभाग, विधि विभाग और आईटी विभाग के अधिकारियों की समिति ने रिपोर्ट दी थी कि दिल्ली पुलिस को इन व्यापारों की लाइसेंसिंग प्रक्रिया से मुक्त किया जाए ताकि वह मुख्य पुलिसिंग कर्तव्यों पर फोकस कर सके।
अन्य राज्यों से मिला मार्गदर्शन
गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा जैसे राज्यों ने पहले ही इन श्रेणियों के लिए पुलिस लाइसेंस की आवश्यकता खत्म कर दी थी, जिससे दिल्ली सरकार को भी बदलाव की दिशा में बढ़ने की प्रेरणा मिली।
अब आगे क्या?
पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया गया है कि वे इन सात व्यापार श्रेणियों के तहत पूर्व में बनाए गए सभी विनियमों को रद्द करने की अधिसूचना तुरंत जारी करें।
यह अधिसूचना दिल्ली पुलिस और गृह विभाग के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित की जाएगी।
अब इन व्यापारों के लिए संबंधित नगरपालिका निकाय (MCD, NDMC, छावनी बोर्ड) अपने-अपने अधिनियमों के तहत विनियमन जारी करेंगे।
SKR NEWS की राय:
यह फैसला दिल्ली के कारोबारी माहौल में एक बड़ी सकारात्मक क्रांति है। इससे न केवल व्यापारियों को राहत मिलेगी बल्कि पुलिस भी अपनी प्राथमिक भूमिका यानी कानून व्यवस्था पर बेहतर ध्यान दे सकेगी।
"दिल्ली में व्यापार करना अब होगा और भी आसान!"