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बॉलीवुड-हॉलीवुड की ऐतिहासिक टक्कर, कांस फिल्म फेस्टिवल 2025 में जब मिलीं दो सिनेमा की आत्माएं — क्रिस्टन स्टीवर्ट और संदीप करतार सिंह

बॉलीवुड-हॉलीवुड की ऐतिहासिक टक्कर, कांस फिल्म फेस्टिवल 2025 में जब मिलीं दो सिनेमा की आत्माएं — क्रिस्टन स्टीवर्ट और संदीप करतार सिंह

कांस, फ्रांस | SKR NEWS विशेष संवाददाता राशिद चौधरी की रिपोर्ट
78वें कांस फिल्म फेस्टिवल में इस बार सिर्फ ग्लैमर और रेड कार्पेट की चकाचौंध नहीं थी, बल्कि एक ऐतिहासिक पल भी दर्ज हो गया — जब हॉलीवुड की चमक और बॉलीवुड की गहराई आमने-सामने आईं। मौका था दो बेहद प्रभावशाली कलाकारों की मुलाकात का:
क्रिस्टन स्टीवर्ट और संदीप करतार सिंह।
--- क्रिस्टन स्टीवर्ट: आत्मा से निर्देशिका, स्क्रीन से क्रांति
हॉलीवुड की चर्चित अदाकारा क्रिस्टन स्टीवर्ट, जो अपनी बेमिसाल अदाकारी और साहसिक फिल्म चयन के लिए जानी जाती हैं, कांस में अपनी निर्देशन में बनी फिल्म "The Chronology of Water" के प्रमोशन के लिए पहुंची थीं। यह फिल्म एक निजी अनुभवों से भरी, दृश्यात्मक दृष्टि से समृद्ध कहानी है, जिसमें स्टीवर्ट ने अपने अंदर की सर्जनात्मकता को बेहतरीन अंदाज़ में पेश किया है।
--- संदीप करतार सिंह: विचारों के चितेरे, भारतीय सिनेमा की नई लहर
दूसरी ओर भारत के दमदार अभिनेता व निर्देशक संदीप करतार सिंह अपनी बेहतरीन फिल्म "God Must Die" के साथ दुनिया को भारतीय दर्शन और क्रांतिकारी सोच से रूबरू करा रहे हैं। इस फिल्म की प्रेरणा उन्होंने दोस्तोयेव्स्की, सार्त्र, नीत्शे, अल्लामा इक़बाल और चार्वाक जैसे महान विचारकों से ली है।
 इस फिल्म को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर Best Actor Award (Cannes World Film Festival व HIFF – Halo International Film Festival) और हाल ही में Western Canadian International Film Festival में Best Film का सम्मान प्राप्त हुआ है।

--- जब दो धाराएं एक हुईं: क्रिस्टन और संदीप की ऐतिहासिक मुलाक़ात
रेड कार्पेट पर जब क्रिस्टन स्टीवर्ट और संदीप करतार सिंह की नजरें मिलीं, तो कैमरों के फ्लैश में सिर्फ तस्वीरें नहीं, बल्कि इतिहास कैद हो गया। दोनों ने एक-दूसरे के कार्यों की प्रशंसा की, और सिनेमा की भाषा में अपने विचार साझा किए।

इस मुलाकात ने यह साबित कर दिया कि सिनेमा की असली ताकत सीमाओं से परे होती है, और जब सच्ची कला मिलती है, तो वह हर सांस्कृतिक विभाजन को मिटा देती है।

--- कांस फेस्टिवल: ग्लैमर से आगे, विचारों का संगम
हर साल की तरह, इस बार भी कांस का रेड कार्पेट सिर्फ फैशन का केंद्र नहीं, बल्कि विश्व सिनेमा के विचारों और आत्माओं का संगम बना।

"सियासत का राज़" न्यूज़ इस ऐतिहासिक क्षण को नमन करता है, जहां एक ओर पश्चिम की संवेदनशीलता, और दूसरी ओर पूर्व की दार्शनिकता — दोनों ने मिलकर एक नया सिनेमाई क्षितिज तैयार किया।
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