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चिकित्सा क्षेत्र में नया कदम: नमक में कमी और कम सोडियम विकल्पों पर चिकित्सकों के प्रशिक्षण हेतु विशेष कार्यशाला का आयोजन

चिकित्सा क्षेत्र में नया कदम: नमक में कमी और कम सोडियम विकल्पों पर चिकित्सकों के प्रशिक्षण हेतु विशेष कार्यशाला का आयोजन

ब्यूरो चीफ़: राशिद चौधरी(एस के आर न्यूज)
नई दिल्ली, 27 अप्रैल 2025:
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) और सेपियंस हेल्थ फाउंडेशन नेटवर्क के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को डीएमए हॉल, दरियागंज में "नमक में कमी और कम सोडियम नमक के विकल्प पर चिकित्सकों की क्षमता निर्माण" विषय पर एक विशेष कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। स्वास्थ्य क्षेत्र में जागरूकता और सुधार की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

कार्यक्रम का उद्घाटन भारत सरकार के नीति आयोग के सम्मानित सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। उनके साथ मंच पर बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (बीएफयूएचएस) के कुलपति डॉ. राजीव सूद तथा स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल भी उपस्थित रहे। तीनों गणमान्य व्यक्तियों ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सोडियम सेवन को नियंत्रित करने की दिशा में ऐसे प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया।

इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में देशभर से आए 140 से अधिक चिकित्सा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. विजय खेर, डॉ. उमेश खन्ना, डॉ. मनिका शर्मा, डॉ. भरत शाह और डॉ. अजय खेर ने स्वास्थ्य पर अत्यधिक नमक सेवन के दुष्प्रभावों, इसके नियंत्रण हेतु रणनीतियों, और कम सोडियम नमक के विकल्पों पर गहन चर्चा की। सभी वक्ताओं ने इस विषय पर अपने बहुमूल्य अनुभव और शोध कार्य साझा किए, जो उपस्थित चिकित्सकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ।

कार्यशाला के एक विशेष आकर्षण के रूप में डॉ. गिरीश त्यागी और डॉ. विजय खेर के संचालन में एक जीवंत और सूचनाप्रद पैनल चर्चा का आयोजन भी हुआ। इस चर्चा में चिकित्सकों ने अपने क्षेत्रीय अनुभव साझा किए और नमक सेवन नियंत्रण को लेकर व्यवहारिक समाधानों पर विचार विमर्श किया।

कार्यक्रम को किडनी सपोर्ट नेटवर्क, लो साल्टर और रिज़ॉल्व टू सेव लाइव्स जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं का समर्थन प्राप्त था, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण पहल में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।

डीएमए अध्यक्ष डॉ. गिरीश त्यागी ने कार्यशाला की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा,
"चिकित्सक समुदाय को इस दिशा में प्रशिक्षित करना आवश्यक है, ताकि वे समाज में कम सोडियम सेवन के महत्व को प्रभावी ढंग से प्रचारित कर सकें। उच्च सोडियम सेवन, उच्च रक्तचाप और गुर्दे संबंधी रोगों के बढ़ते खतरे को देखते हुए, इस तरह के कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुधार के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर सकते हैं।"

राज्य सचिव डॉ. सतीश लम्बा ने भी कार्यशाला को एक प्रेरणादायक पहल बताया और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता जताई।
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