दिल्ली में प्रतिबंधित मांगुर मछली की धड़ल्ले से बिक्री, कानून की उड़ रही धज्जियां
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नई दिल्ली, 23 मार्च: देश की राजधानी दिल्ली में कानून की सख्ती के बावजूद प्रतिबंधित मांगुर मछली की अवैध बिक्री धड़ल्ले से जारी है। खासकर सुल्तानपुरी मछली मार्केट में इस मछली की खुलेआम बिक्री हो रही है, जिससे मौजूदा प्रशासन अधिकारियों की कार्यवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने पर्यावरण और जनस्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मांगुर मछली के पालन और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद सुल्तानपुरी,मंगोल पूरी समेत कई इलाकों में मछली विक्रेता खुलेआम इस कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
क्या है मांगुर मछली और क्यों है प्रतिबंधित?
मांगुर मछली, जिसे अफ्रीकन कैटफिश भी कहा जाता है, को भारत में अवैध रूप से पाला जाता था। लेकिन यह स्थानीय जलीय जीवों और पर्यावरण के लिए घातक साबित हुई। इसके आक्रामक स्वभाव के कारण यह पानी के अन्य जीवों को खत्म कर देती है और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को नुकसान पहुंचाती है। यही कारण है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने 2000 के दशक में इस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सुल्तानपुरी , मंगोल पूरी में खुलेआम बिक रही मांगुर
स्थानीय निवासियों और व्यापारियों के अनुसार, दिल्ली के सुल्तानपुरी मछली बाजार में मांगुर मछली की बिक्री बड़े पैमाने पर हो रही है। इसे छिपाकर बेचा जा रहा है और ग्राहक इसकी मांग को देखते हुए चोरी-छिपे खरीदारी कर रहे हैं। कुछ विक्रेताओं का कहना है कि यह सस्ती होती है और ग्राहकों को अधिक पसंद आती है, इसलिए वे इसे बेचने को मजबूर हैं।
प्रशासन की नाकामी या मिलीभगत?
सवाल यह उठता है कि जब मांगुर मछली पर प्रतिबंध है तो यह बाजार में कैसे बिक रही है? क्या प्रशासन की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही या फिर स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से यह अवैध धंधा फल-फूल रहा है?
दिल्ली के मत्स्य विभाग और नगर निगम को इस अवैध बिक्री पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अगर जल्द ही इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह न सिर्फ कानून के लिए चुनौती बनेगी, बल्कि पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन सकती है।
(रिपोर्ट: विशेष संवाददाता)
(एस के आर न्यूज)